श्री सूर्य चालीसा | Shri Surya Chalisa

॥ दोहा ॥कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग ।पद्मासन स्थित ध्याइये, शंख चक्र के सङ्ग ॥ ॥चौपाई॥ जय सविता ...
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श्री गोपाल चालीसा | Shri Gopal Chalisa

॥ दोहा ॥श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल । वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ॥ ॥ चौपाई ...
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श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa)

॥ दोहा ॥ ‘जय गणपति सदगुण सदन, करि वर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ।। ...
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